जानलेवा पढ़ाई
लगातार बढ़ रहे हैं छात्र-छात्राओं द्वारा आत्महत्या करने के मामले मां-बाप की अपेक्षाओं के चलते गहरे मानसिक दवाब में जी रहे हैं किशोर 2014 में 2403 छात्र-छात्राओं ने फेल होने के डर से मौत को गले लगाया गाज़ियाबाद के मशहूर कॉलेज से बीटेक कर रही रितुपर्णा की दिनचर्या देखें- सुबह 8 बजे वो सोकर उठती है और 9 बजे तक तैयार होकर, नाश्ता वगैरह करके कॉलेज चली जाती है। लौटते हुए लगभग साढ़े चार-पांच बज जाते हैं। आने के तुरंत बाद रितु खाना खाकर सो जाती है और इसके बाद रात को नौ बजे उठकर सुबह चार बजे तक ‘ शांति में ’ पढ़ाई करती है। सुबह चार बजे सोने के बाद वो सीधे आठ बजे स्कूल जाने के समय पर उठती है। इम्तहान के दिनों में यह रुटीन बदल जाता है, कॉलेज से 12-1 बजे तक आ जाने के बाद रितु 5 बजे तक दिन में भी पढ़ाई करती है। यहीं नहीं छुट्टी के दिन रितुपर्णा स्पेशल क्लासिस के लिए अपने सर के पास भी जाती है। जब हमने उससे पूछा कि इतनी ज्यादा पढ़ाई करने की क्या आवश्यकता है जबकि यह कोई आईआईटी या मेडिकल की तैयारी नहीं है, तो उसका कहना था कि कॉलेज की पढ़ाई और कोर्स बहुत ज्यादा है। ...