Posts

Showing posts from March, 2020

इनकी ज़िन्दगी का एक ही मकसद है स्वदेशी किस्मों और बीज़ों को बचाना और किसानों को जैविक खेती की तरफ लौटाना- मिलिए भारत की बीजमाता से

Image
‘ बीयाने बैंक , कोंभाकणे ’ .., लाल स्याही से लिखी इस इबारत वाले काठ के दरवाज़े को ठेलते हुए जब आप अन्दर पहुंचते हैं तो कहीं कच्ची मिट्टी के घड़ों में रखी धान की किस्में दिखती हैं , कहीं टांड से लटकी हुए मटर और तोरी की स्थानीय फसलें तो कहीं लकड़ी की अल्मारियों में करीने से सजे कांच के जारों में रखे दालों , सब्ज़ियों , दलहनों , तिलहन और सेम के बीज। जी हां , आप देश के पहले स्वदेशी किस्मों की फसलों के बीज बैंक में हैं। इस बैंक में 53 तरह की फसलों की 114 स्वदेशी किस्मों के बीजों को पारम्परिक आदिवासी तरीकों से संग्रहित किया गया है। देश के अपनी तरह के इस पहले बैंक के पीछे जो व्यक्तित्व है वो हैं श्रीमती राहिबाई सोमा पोपेरे। सादी महाराष्ट्रियन साड़ी में दिखने वाली इस महिला किसान ने अपनी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर जैव विविधता को कायम रखने , स्वदेशी किस्मों को बचाने और स्थानीय लोगों की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दि