कितनी बातें तुमको बतानी है,
बहुत से अहसानों का शुक्रिया अदा करना है।
वो उलझे हुए प्रश्नों का जवाब जो तुमने दिया है,
वो अहसासों का सही मतलब जो तुमने समझाया है,
जो घाव भरे हैं,
जो मरहम लगाए हैं
और जो रस्सी की ऐंठन सी लगी मुश्किलों को अपने गुज़रने के साथ सुलझाया है,
सभी के लिए तो धन्यवाद कहना है।
तुम्हारे साथ चलते चलते ही तो जाना है कि गलतियां कितनी खूबसूरत होती हैं,
नादानियां कितनी दिलकश होती हैं,
और शैतानियों की फितरत कुछ ऐसी होती है कि वो पहले तंग करती हैं और फ़िर चेहरे पर मुस्कान लाने का सबब बन जाती हैं।
तुम्हे दोस्त बनाने का, तुमसे गपशप करने का बड़ा मन है,
बरसात के किसी रोज़ आना,
अदरक, तुलसी की चाय पिलाऊंगी और गर्मागर्म प्याज के पकोड़े,
खुश हो जाओ उसके स्वाद से,
तो चुपके से कुछ दोस्तों के राज़ बता देना
और बस इतना खुलासा कर देना कि
उन गुस्ताखियों की क्या सजा मिलनी है,
जो ना चाहते हुए भी हुई जा रही हैं.....
No comments:
Post a Comment