मैं आशान्वित हूं कि मोदी जी बदलाव लाएंगे...
आज दिल बहुत खुश है। कुछ भी एक पत्रकार या बुद्धिजीवी के तौर पर लिखने या कहने का मन नहीं...। और कृपया मेरे इस लिखे को एक बुद्धजीवी की नज़र से देखें या जज भी ना करें। आज मैं बहुत खुश हूं, मोदी जी ने जो इतना अच्छा भाषण दिया, उससे खुश हूं, मोदी जी ने संसद में घुसने से पहले मंदिर की सीढ़ियों की तरह जो सजदा किया, उससे खुश हूं, उनकी ऊर्जा और आशावादिता की बातों से खुश हूं...। हम लोग चाहे कितनी भी बुद्धिजीवियों की तरह बातें कर लें जो हर काम के पीछे का मकसद ढूंढने की कोशिश में लगे रहते हैं, लेकिन यह सच है कि हमारे दिल हिन्दुस्तानी हैं। बुद्धि और दुनियादारी, हमारी भावनाओं पर हावी ज़रूर हो गई है, लेकिन यह सच है कि भावनाएं आज भी हमारे दिलों में, उनकी जड़ों में जिन्दा हैं। हम उस देश के वासी हैं जहां हमें दिल की सुनने और दिमाग की करने की शिक्षा मिली है... दिमाग का स्थान भले ही सबसे ऊंचा हो लेकिन अहमियत हम दिल को ही देते हैं... और आज मेरा दिल की सुनने और लिखने का मन है..। और दिल पर हिन्दुस्तानियत हावी है, देशप्रेम हावी है, आंखों में वो दृश्य जिसने नरेन्द्र मोदी को संसद की सीढ़ियों का...