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Showing posts from June, 2014

किशोर वाणी

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“एक ऐसा व्हीकल बनाना है जो ऑक्सीजन रिलीज़ करे” “सबसे बोरिंग होते हैं न्यूज़ चैनल्स जो एक ही बात को बार-बार रिपीट करते हैं” “मम्मी –पापा को चाहिए कि बच्चों को डांटते समय गुस्से में कुछ भी ना बोल दें’ इस बार हम किशोर वाणी में आपके लिए लेकर आए हैं 13 साल के अक्षत गुप्ता की वाणी। अक्षत गुप्ता दिल्ली के निवासी हैं और नोएडा के एपीजे स्कूल में आठवीं कक्षा के छात्र है। इन्हें गणित से बहुत प्यार हैं और बॉक्सिंग, क्रिकेट और फुटबॉल में यह खासी रुचि रखते हैं। बहुत सारे महत्वपूर्ण मुद्दों और बातों पर अक्षत की राय बिल्कुल साफ और बेबाक है। अभी से देश और दुनिया के प्रति जागरूकता और जानकारी रखने वाले अक्षत मानते हैं कि अगर देश में बदलाव लाना है तो शुरूआत अपने आप से करनी होगी। आप भी ज़रा पढ़िए कि और क्या महत्वपूर्ण मानते है अक्षत, विश्वास मानिए 13 साल के इस बच्चे की साफगोई और सोच आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगी। सबसे महत्वपूर्ण हैं क्लीनिलिनेस यानि साफ सफाई हमारे देश में सबसे ज्यादा परेशानी गंदगी की है। जहां देखो वहां गंदगी.. जिसका मन जहां आता है, वो वहीं कूड़ा फेंक देता है। यह बहुत गलत बात है...

“महात्मा गांधी की हत्या 30 अक्टूबर 1948 को हुई थी”..... “दूसरे विश्व युद्ध में जापान ने अमेरिका पर परमाणु हमला किया था” ...... “देश के विभाजन के बाद ‘इस्लामिक इस्लामाबाद’ नाम से एक नए देश का गठन किया गया”.....

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यह मोदी के गुजरात का इतिहास है जनाब, सरकारी पाठ्य पुस्तकों में छपे हैं उपरोक्त सभी तथ्य, छात्र इन्हें ही पढ़ और सीख रहे हैं अगर गुजरात के सरकारी स्कूल का कोई छात्र आपसे कहे कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय अमेरिका ने जापान पर नहीं बल्कि जापान ने अमेरिका पर परमाणु बम गिराया था, तो भूल कर भी उसे सही करने की कोशिश मत करिए, वरना कहीं ऐसा ना हो कि वो यह कहने लगे कि.. गलत तो आप हैं, हम सही हैं क्योंकि हमारी किताब में तो यहीं लिखा है...। और यह भी हो सकता है कि वो आपको किताब में लिखा यह तथ्य दिखा भी दे और फिर आपको ही आपके ज्ञान पर संदेह होने लगे..। जी हुज़ूर, गुजरात के सरकारी स्कूलों में ऐसी ही गलत बातें छात्रों को पढ़ाई और सिखाई जा रही हैं। कक्षा छठी, सातवीं और आठवीं में पढ़ाई जा रही सामाजिक विज्ञान की किताबों के इतिहास खंड में ये सारी गलत बातें लिखी हैं। और ये तो मात्र कुछ छोटे से उदाहरण है। वास्तव में तो इन किताबों में 120 के लगभग तथ्यात्मक गलतियां हैं और वो भी ऐसी गलतियां जो अर्थ का अनर्थ करने के साथ-साथ पूरे इतिहास को उल्टा-पुल्टा कर देने के लिए काफी हैं। इन किताबों से अग...

आंखों में सपने हो और कुछ करने की तमन्ना हो तो बिहार से बॉलीवुड का सफर दूर नहीं...

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सप्ताह का साक्षात्कार- रवि भूषण भारतीय पान सिंह तोमर फिल्म के गुस्सैल और आक्रोशित बलराम सिंह तोमर याद हैं आपको....?... और अगर आपने हाल ही में रिलीज़ नेशनल अवॉर्ड विजेता फिल्म ‘फिल्मिस्तान’ देखी है तो उसके बंदूकधारी पाकिस्तानी किडनैपर को भी नहीं भूले होंगे आप.....! इन किरदारों में जान फूंकने वाले युवक का नाम है रवि भूषण भारतीय। बिहार के पूर्णिया जिले के रवि की आंखों में बचपन से बॉलीवुड में जाने के सपने सजते थे, और अब वो अपनी मेहनत, हिम्मत और प्रतिभा के दम पर अपनी मंजिल के बहुत करीब पहुंच चुके हैं। वो दिन दूर नहीं जब भोपाल के माखनलाल विश्वविद्यालय का यह छात्र आपको बॉलीवुड के चमकते सितारे के रूप में दिखेगा..., क्योंकि जहां हुनर हो, आजमाइश की तैयारी हो, खुद को उस चीज़ के लिए झोंकने की चाह हो, जिसका सपना आंखों में सजता हैं, वहां सफलता में कहां इतना दम कि वो पीछे-पीछे ना आए। हमने जब रवि से उनके सफर, सपनों और अनुभव के बारे में बात की तो उन्होंने बेहद ईमानदारी और बेबाकी से अपने अनुभव हमारे साथ साझा किए। आप भी यह साक्षात्कार पढ़ेंगे तो जान पाएंगे कि अगर चाह हो और इरादा पक्का हो तो रास्ता...