विश्व की सबसे प्रिमिटिव जीवित सभ्यता को अकेला छोड़ दीजिए, क्योंकि यही यह चाहते हैं..
अंडमान निकोबार के इर्द गिर्द बिखरे छोटे-बड़े लगभग 500 द्वीप समूहों में एक है नॉर्थ सेंटीनल आईलैंड। बंगाल की खाड़ी में बसा एक छोटा सा द्वीप जो क्षेत्रफल में मैनहैटेन के लगभग बराबर है। घने दुर्गम जंगलों से भरे और रेतीले तट से घिरे इस नितान्त निर्जन नज़र आने वाले द्वीप के मूल निवासी है सेंटीनल आदिवासी, जो करीब 65,000 सालों से यहां रह रहे हैं। 65,000 सालों का मतलब समझते हैं आप- यानि पृथ्वी पर आए अंतिम हिम युग से भी 35,000 साल पहले से, उत्तरी अमेरिका से मैमथ के गायब होने से 55,000 साल पूर्व और प्राचीन मिस्र के लोगों द्वारा गीज़ा में बनाए गए पिरामिडों से 62,000 साल पहले से सेंटीनल्स, इस द्वीप के निवासी हैं। इन्हें अफ्रीका के प्रथम मनुष्यों का प्रत्यक्ष वंशज माना जाता है। कुछ एन्थ्रोपॉलोजिस्ट इन्हें पाषाण युग का सदस्य मानते हैं। विश्व की सबसे प्रिमिटिव जीवित इन्सानी सभ्यता ने, विकसित समाज द्वारा इनसे सम्पर्क किए जाने की हर कोशिश को नकारा है। सेंटीनल्स इन कोशिशों का स्वागत तीर और भालों की बौछारों से करते हैं। यह आदिवासी आग तक जलाना नहीं जानते। यह समुद्री मछलियों, जीवों और जंगली...