मेरी दुआएं उनके लिए जिन्होंने नाममुकिन को मुमकिन करने का हौसला दिया.....
आखिरकार चुनावों का ऐलान हो गया है। परीक्षा की घड़ी आ गई है। कयास हम कितने भी लगा लें पर रिज़ल्ट आने से पहले नहीं कहा जा सकता कि टॉपर कौन होगा। इसलिए बात उन बातों की जो कयासों से परे हैं। 2014 में जब नई सरकार सत्ता में आई थी तो उसे चुनने का कारण मनमोहन सरकार की नाकामियां थी, लगातार बढ़ रही अराजकता थी, दिन पर दिन खुल रहे घोटाले थे, बढ़ती महंगाई थी, अपराध और बेरोजगारी का बढ़ता ग्राफ था और देश में जगह-जगह हो रहे बम धमाके थे। पाकिस्तान जब चाहे तब हमें आंखे दिखाता था और हमारे सैनिकों के सिर तक काट कर ले जाता था। मोदी सरकार सत्ता में आई तो बदलाव आया। आज महंगाई काबू में है, अराजकता पर लगाम है, जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में कहीं कोई बम नहीं फटा। घोटाले नहीं हुए। हां, राफेल स्कैम पर बात करना बेमानी है क्योंकि उसकी सच्चाई सब जानते हैं, भले ही मानें ना। कुम्भ इतने भव्य स्तर पर हुआ। और उसमें सबकुछ हुआ सिवाय भगदड़ में लोगों के मरने के, जो अब से पहले कभी नहीं हुआ था। घोटाले करके विदेश में बस जाने के दिन लद गए। अब तो हाल यह है कि लोग विदेश भागने के बाद भी भारत सरकार के डर में जीते ...