क्या हम एशियाई मूल के निवासियों को टॉयलेट एटीकेट्स सीखने की ज़रूरत है... 'जी हां बिल्कुल हैं.'- स्विस टूरिस्ट बोर्ड


हममें से बहुत से लोगों का सपना है स्विटज़रलैंड घूमने का। और अगर आप भी वहां घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो पहले थोड़े से टॉयलेट एटीकेट्स सीख कर जाएं। क्योंकि, एशिया और मिडिल ईस्ट से आने वाले पर्यटकों द्वारा स्विटज़रलैंड के शौचालयों में फैलाई जा रही गंदगी स्विस प्रशासन को बिल्कुल रास नहीं आ रही है।  खासतौर से इन जगहों से आने वाले पर्यटकों के लिए रेलगाड़ियों में ग्राफिक पोस्टर्स लगाएं गए हैं जो उन्हें




ठीक तरह से टॉयलेट को प्रयोग करने का तरीका बताते हैं। शुरूआत में लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्विस एल्प्स स्थित माउंट रिजि की तरफ जाने वाली रेलगाड़ियों में इस तरह के पोस्टर लगाए गए हैं। स्विस प्रशासन के अनुसार, स्विटज़लैंड स्वस्छता और साफ-सफाई का अत्यधिक ध्यान रखने वाला स्थान है। यहां खासकर एशिया और मिडिल ईस्ट से आने वाले पर्यटक यहां के टॉयलेट मानकों से परिचित ना होने के कारण





अक्सर बेहद गंदगी फैला कर जाते हैं। यहीं वजह है कि इन पर्यटकों को टॉयलेट इस्तमाल करने से लेकर टॉयलेट पेपर को कहां फेंकना है, तक के तरीके सिखाने के लिए ग्राफिक पोस्टर्स की सहायता ली जा रही है।  लेकिन स्विस प्रशासन इस बात से पूरी तरह अनजान है कि जिन पोस्टर्स को वो फिलहाल पर्यटकों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रयोग कर रहा है, इनका प्रयोग भारत के कॉरपोरेट ऑफिसिज और अन्य जगहों पर काफी पहले से लोगों को टॉयलेट एटीकेट्स सिखाने के लिए हो रहा है, पर मजाल है स्थिति में ज्यादा सुधार आया हो तो....

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