ग़र बर्रुअत जमीं अस्त, हमीअस्त हमीअस्त हमीअस्त...


कौन कहता है जीत-ए-जी जन्नत मयस्सर नहीं होती... बस एक बार नज़ारा-ए-कश्मीर हो जाए ..

धरती पर जन्नत है कश्मीर.. और इस जन्नत का सबसे खूबसूरत हिस्सा है गुलमर्ग

चिनारों के दरख्त, देवदारों के विटप... जिधर देखों उधर सब्ज़ रंग का नज़ारा... गुलमर्ग में पहुंचे तो आंखे गुलज़ार हो गईं थी... पहाड़ों पर बर्फ नहीं थी, मगर घाटी की खूबसूरती पर खुद कुदरत निसार हो गई थी...



धुंधले स्लेटी कोहरे से झांकते पहाड़, ज़मीन पर नज़र की सीमा तक बिछा हुआ हरा मखमली कालीन, बलखाती सड़क, नर्म ठंडी हवा और खुश होते हम...यह गुलमर्ग की सुबह थी। गुलमर्ग घाटी में बीचोबीच बने अपने होटल के कमरे की खिड़की से सुबह-सुबह जब पर्दा हटाया तो कुदरत की खूबसूरती का ऐसा खूबसूरत नज़ारा देखने को मिला जो अब से पहले कहीं नज़र नहीं आया था। 




 यूं तो पूरा कश्मीर ही खुद खुदा की बनाई खूबसूरत पेंटिंग लगता है लेकिन गुलमर्ग घाटी पर तो मानो भगवान ने बहुत जतन से ब्रश चलाए हैं।

अगस्त माह में सूरज सुबह सात बजे तक निकल आता है और फिर शुरु होता है बादल, पहाड़ों और सूरज के बीच छुपा-छिपी का खेल। कभी बादल छिप जाते हैं, कभी सूरज और कभी पहाड़। यहां पलक झपकते मौसम बदल जाता है...अभी धूप, अभी बूंदाबांदी, पल भर पहले गर्मी और पल भर बाद ठंड....
 बॉलीवुड और गुलमर्ग का भी बहुत गहरा याराना है। पूरे कश्मीर में और खासकर गुलमर्ग में जगह-जगह ऐसी जगहें हैं जहां बॉलीवुड फिल्म के लिए  शूटिंग हो चुकी है।


इन दोनों मंदिरों की तस्वीरें देखिए.. और पहचानने की कोशिश कीजिए। कुछ याद आया..
 पहाड़ों पर मस्ती में भांग घोटते लोग, ढोलक की थाप पर जय-जय शिव शंकर
 करती मुमताज और उनके साथ कदम से कदम मिलाते सुपरस्टार राजेश खन्ना। जी हां, सही पहचाना. यह दोनों वहीं मंदिर हैं जिनमें फिल्म 'आप की कसम' का सुपरहिट गाना 'जय-जय शिव शंकर' फिल्माया गया था। 

ऊपर वाला मंदिर गुलमर्ग की प्रवेश सीमा पर बने बस स्टेंड पर बना है। शांत और भीड़ से दूर इस मंदिर से पूरी गुलमर्ग घाटी का नज़ारा होता है। 

दूसरा मंदिर मशहूर शंकराचार्य मंदिर  है जो काफी प्रसिद्ध है। लोग दूर दूर से यहां के दर्शन करने आते हैं। 




यहां और भी ऐसे बहुत से प्वॉइंट्स हैं जहां फिल्मों की शूटिंग हुई है। यहां के लोगों से, घोड़ो वालों से आप बात करेंगे तो वो आपको बड़े जतन से बताते हैं कि वो कितने स्टार्स से मिल चुके हैं। 

यहीं विश्व का सबसे ऊंचा गोल्फ कोर्स भी हैं। गुलमर्ग की पूरी घाटी का नज़ारा एक बार में लेना चाहें तो गोंडोला यानि केबल कार से सबसे ऊंची पहाड़ी पर ज़रूर जाए जहां पूरे साल बर्फ रहती है और जहां से लगभग 15 किलोमीटर आगे पाकिस्तान की सीमा है। इस जन्नत की खूबसूरती के बारे में और क्या कहा जाए बस किसी मशहूर कवि की इन्हीं लाइनों से सबकुछ बयां हो जाता है कि..


पहाड़ों के जिस्मों पर बर्फों की चादर
चिनारों के पत्तों पर शबनम का बिस्तर
हसीं वादियों में महकती है केसर
कहीं झिलमिलाते हैं झीलों के ज़ेवर
है कश्मीर दुनिया में जन्नत का मंज़र।


Comments

Popular posts from this blog

सृष्टि से पहले सत् नहीं था, असत् भी नहीं, छिपा था क्या, कहां किसने ढका था....: ऋगवेद के सूक्तों का हिन्दी अनुवाद है यह अमर गीत

क्या आपने बन्ना-बन्नी, लांगुरिया और खेल के गीतों का मज़ा लिया है. लेडीज़ संगीत का मतलब केवल डीजे पर डांस करना नहीं है..

भुवाल रियासत के सन्यासी राजा की कहानी, जो मौत के 12 साल बाद फिर लौट आयाः भारत के इतिहास में जड़ा अद्भुत, अनोखा और रहस्यमयी सच