कीड़े मकोड़े होंगे भविष्य का खाना..? झींगुरों के आटे से बने बिस्कुट, कुकीज और एनर्जी बार्स खूब बिक रही हैं इंटरनेट पर, जल्द ही सुपरमार्केट में उपलब्ध होंगे कीटों से बने भोज्य पदार्थ
जी मैं मज़ाक नहीं कर रही हूं। पूरे विश्व में बहुत से लोग पहले से ही झींगुरो, कीड़े-मकोड़ों और इनके आटे को अपनी डाइट के रूप में ले रहे हैं। और जल्द ही सुपरमार्केट में क्रिकेट यानि झींगुर के आटे से बनी प्रोटीन रिच एनर्जी चॉकलेट्स मिलने लगेंगी...
अगर आपको इसे सुनकर घृणा हो रही है तो मैं बता दूं कि हममें से हर कोई पहले से ही कुछ ना कुछ मात्रा में इन्सेक्ट्स खा रहा है। जी हां आजकल के बहुत से डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में जो कि आप सुपरमार्केट से खरीदते हैं, ये इन्सेक्ट्स होते हैं, जैसे की पीनट बटर, फ्रीज्ड ब्रोकोली और पास्ता में भी।
अमेज़न डॉट कॉम से ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं, क्रिकेट फ्लोर एनर्जी बार्स
अगर आपको भारत में कोई दुकान नहीं मालूम जहां से कि आप इन इन्सेक्ट्स के आटे को खरीद सकें तो एक बार ऑनलाइन कोशिश कीजिए। अमेज़न डॉट कॉम पर भी आपको चापुल क्रिकेट बार्स यानि चापुल ब्रांड की झींगुरों के आटे से बनी एनर्जी बार्स मिल जाएंगी। अमेज़न डॉट कॉम पर इन्हें ऑर्डर करके एक दिन के भीतर ही मंगाया जा सकता है। इस विज्ञापन के साथ खास तौर इन एनर्जी बार्स की खासियत भी लिखी गई है। इसमें बताया गया है कि झींगुरों में पालक से 15 फीसदी ज्यादा आयरन होता है, बीफ से दोगुना प्रोटीन होता है और सैलामॉन जितना विटामिन बी-12 होता है। यह एनर्जी बार्स हाथ से बनाई गई हैं और तीन स्वादों में उपलब्ध हैं।
ऑनलाइन कीड़ो, लार्वी, झींगुरों को या उनके आटे को खरीदा जा सकता है...
यह सीलबंद पैक में आने वाला झींगुरों का पिसा हुआ आटा मुख्यत, नॉर्थ अमेरिका, इंडोनेशिया, कोरिया या चीन से मंगाया जाता है। इसे प्लास्टिक बॉक्स या बोतल में भेजा जाता है।
अगर आप हाई प्रोटीन डाइट लेना चाहते हैं तो आपके लिए है झींगुरों और कीड़ो के आटे से बनी कुकीज़, एनर्जी चॉकलेट बार्स, शेक डेज़र्ट्स और डेलीकेसी पकवान
आप चाहें तो इन्हें ऐसे ही फ्राई करके खा सकते हैं और अगर आपको इनको ऐसे खाने में परहेज है तो आप इन्हें पीस कर आटा बना कर फिर खा सकते हैं।
खाए जा सकने वाले कीड़ों खासकर कि झींगुरों और मीलवॉर्म्स (वो कृमि जो विकसित होकर बीटल/गुबरैले बनते हैं) में प्रोटीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है और यह पर्यावरण के हिसाब से भी ज्यादा अच्छा है कि हम किसी भी और तरह का मासांहार भोजन लेने की बजाय झींगुर और कीड़ों के आटे की डाइट लें।
कीड़े केवल 6 से 8 हफ्तों के भीतर परिपक्व हो जाते हैं और चूंकि इन्हें ज्यादा खाने की ज़रूरत नहीं है इसलिए ये बहुत कम ग्रीनहाउस गैस छोड़ते हैं यानि इनका कार्बन फुटप्रिंट गाय से भी छोटा होता है।
अमेरिकी कंपनियां कीटों से बने भोज्य पदार्थों को प्रोटीन से भरपूर पोषक भोजन के रूप में स्थापित करने में जुटी, दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है मांग, बढ़ रहा है कारोबार, निर्माता इसे ग्लोबल फूड सिक्योरिटी के विकल्प के रूप में देखते हैं, कहते हैं इनसे मिटाई जा सकेगी लोगों की भूख..
2013 में अमेरिका की मेगान मिलर ने एक ग्लोबल मीडिया कंपनी में अपनी हेड ऑफ रिसर्च एंड डवलपमेंट की नौकरी छोड़कर इन्सेक्ट गेस्ट्रोनोमी की फील़्ड में काम करना शुरु किया और अपने दो पार्टनर्स - लेज्ली जिगलर औरएरिक वुड्स के साथ बिट्टी फूड्स (BITTY FOODS) नाम से एक कंपनी खोली जो झींगुरों का आटा बनाकर और उसे नारियल और अन्य चीज़ों के साथ मिलाकर आटा बनाती है और इस आटे वा इससे बनी कुकीज़ को ऑनलाइन बेचती है।
बिट्टी फूड्स विश्व भर में झींगुरों के आटे से बनी चीज़ों को लोकप्रिय भोजन बनाने के लिए प्रयासरत है। मेगान मिलर का कहना है कि- बहुत से लोगों के लिए भले ही झींगुरों को पूरा का पूरा डाइट के रूप में खाना मुश्किल हो लेकिन हमारी कंपनी उन्हें सुखाकर उन्हें पीस कर बारीक पाउडर बनाती है, जिसके बाद इसे लेना काफी आसान हो जाता है।
मिलर का कहना है कि जब आज हम वैश्विक तौर पर खाने की कमी से जूझ रहे हैं और अर्थशास्त्रियों के अनुसार 2050 तक मीट पूरी तरह से केवल अमीरों का भोजन बन कर रह जाएगा, ऐसे में इनसेक्ट्स वैश्विक भोजन की कमी का जवाब हो सकते हैं।
मिलर की कंपनी झींगुरों को हाई प्रोटीन डाइट के तौर पर देखती हैं, और मानती हैं कि झींगुर, तिलचट्टो (कॉकरोच) से बेहतर खाद्य विकल्प हैं क्योंंकि ये ऐसी किसी बीमारी के वाहक नहीं होते जो मनुष्यों में फैल जाए। बिट्टी फूड्स क्रिकेट फ्लोर के साथ इसकी बनी कुकीज़ और बिस्कुट्स भी बेचती है।
एक और अमेरिकन कंपनी एक्सो (Exo) भी झींगुर के आटे से बनी प्रोटीन बार्स बनाती है। कंपनी के मालिक गावी लुईस और ग्रेग स्विट्ज़ का कहना है कि झींगुरों में प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है और वो मनुष्यों के प्रोटीन की ज़रूरत को पूरा कर सकता है। उनकी कंपनी ने झींगुरों के आटे से बनी प्रोटीन बार्स बनाई हैं जिन्हें उनकी जिम और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच काफी लोकप्रिय होने की उम्मीद है क्योंकि इनमें बहुत ज्यादा प्रोटीन है जो इसे पोषक बनाती है।
कंपनी की वेबसाइट पर लिखा है कि इन्सेक्ट फलों और सब्जियों की तरह ही प्राकृतिक भोजन हैं और प्रोटीन के बहुत से स्त्रोतों जैसे कि मांस, मछली आति से कहीं ज्यादा बेहतर हैं। झींगुर हमें वो सारे प्रोटीन्स प्रदान कर सकते हैं जिनकी कि हमारे शरीर को आवश्यकता है।
इनकी एनर्जी बार्स कोकोनट, पीनट बटर और जेली फ्लेवर्स में मौजूद हैं।
प्र्त्येक प्रोटीन बार में लगभग 40 झींगुर, 270-300 केलोरीज, 10 ग्राम प्रोटीन, 14-20 ग्राम फैट, 13-18 ग्राम शुगर और 5-7 ग्राम फाइबर होता है।
नॉर्थ अमेरिका के ओन्टारियो स्थित नेक्सट मिलेनियम फार्म है पहला कीट और कीड़ों का औद्योगिक उत्पादन फार्म-
नॉर्थ अमेरिका में विश्व का पहला और अमेरिका का सबसे बड़ा औद्योगिक फार्म है जहां कीट और कीड़े पाले जाते हैं, और भोज्य पदार्थों के रूप में इनको संसाधित किया जाता है। किए जाते हैं और साथ भी पकाए भी जाते हैं जिससे कि लोगों के बीच इनकी बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। इस फार्म के मालिकों का कहना है कि इनके उत्पादों की मांग दिन -प्रतिदिन बढ़ रही है। झींगुरों के आटे से बनी चॉकलेट बार्स सुपरमार्केट चेन फेयरवे में बिकने के लिए पहुंच भी चुकी हैं, और जल्द ही ये अन्य सुपरमार्केट स्टोर्स पर भी दिखाई देंगी।
इस फार्म में जमीन से लेकर छत तक एक के ऊपर एक रखी क्रेट्स में 30 मिलियन झींगुर पाले और ब्रीड कराए जाते हैं। इसके अलावा यहां मीलवॉर्म्स और अन्य खाने योग्य कीट भी पाले जाते हैं।
झींगुरों से भरे हुए डिब्बों को पहले नीले बड़े टबों में खाली किया जाता है और फिर इन्हें सफेद क्रेट्स में डाला जाता हैं जहां ये बड़े होते हैं और संसाधित करने लायक अवस्था में पहुंचते हैं।
यह अमेरिका का सबसे बड़ा खाने योग्य कीट पालन फार्म है जहां मीलवॉर्म्स का भी पालन किया जाता है।
मीलवॉर्म्स जो विकास के बाद बीटल बनते हैं, भी प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत हैं और इनका भी आटा बना कर उसकी कुकीज, बिस्किट या अन्य खाने की चीज़े बनाई जाती हैं।
सात आठ हफ्तों में पूरी तरह से मैच्योर हो चुके झींगुरों/ कीटों/ मीलवॉर्म्स को सुखाया जाता है।
पहले उन पर गैस छोड़ी जाती है जिससे वो असक्रिय यानि मृत हो जाते हैं और फिर उन्हें गरम पानी में निथार कर अवन में सुखाने या बेक करने के लिए तैयार किया जाता है।
सुखाए गए नमी रहित कीटों को सीधे सीलबंद पॉलिथीन पैक्स या प्लास्टिक पैक्स में बंद करके बेचने के लिए तैयार किया जाता है।
इनका इस्तमाल बहुत से डेलीकेसी पकवानों, रोस्टेड झींगुरों के स्नेक्स और बारबेक्यूड मीलवॉर्म्स बनाने में होता है जिनकी मार्केट में बहुत मांग है। रोस्टेड कीटों की स्नैक्स के तौर पर बाज़ार में काफी मांग है क्योंकि इनका स्वाद बहुत अच्छा होता है।
इनको पीस कर बारीक पाउडर बनाया जाता है जो कुकीज़, बिस्किट, एनर्जी बार्स, चॉकलेट्स आदि बनाने में इस्तमाल होता है।
यहां आप देख रहे हैं झींगुरों के आटे से तैयार स्पाइसी कुकीज़।
ज्यादा जानकारी के लिए आप नीचे के वीडियो भी देख सकते हैं-
बहुत बड़ा है कीटों से बने भोज्य पदार्थों का बाज़ार और लगातार बढ़ रही है मांग
एक रिपोर्ट के अनुसार 40 साल पहले जब थाईलैंड में टिड्डे बहुत ज्यादा हो गए थे तो उन्होंने उन्हें खत्म करने का यह रास्ता निकाला कि उन्हें अपने भोजन में शामिल कर लिया। आज वहां डीप फ्राइड टिड्डे बहुत लोकप्रिय हैं और उनको सॉसेज वगैरह के इन्ग्रीडियेन्ट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
माली में बच्चे पारम्परिक तौर पर ग्रासहॉपर्स को पकड़कर उन्हें स्नैक्स के रूप में खाते हैं। इक्वाडोर में भी बीटल्स बाज़ार में बिकते हैं।
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